पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के RG कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर निर्भया 2 के साथ हुई दरिंदगी भाग - 1"

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद नृशंस हत्या से देश उबल रहा है

138 साल पुराने इस सरकारी हॉस्पिटल में 8 और 9 अगस्त के बीच की रात में हैवानियत का वो नंगा नाच हुआ कि सुनने वालों की रूह कांप जाए


31 साल की जूनियर ट्रेनी डॉक्टर निर्भया 2 PG की 2nd Year की स्टूडेंट थी और बहुत जल्द डॉक्टर बनने वाली थी


गरीब परिवार की इस लड़की के परिवार में केवल माता पिता ही थे, पिता स्कूल के यूनिफॉर्म बेचा करते थे जिससे उनका गुजारा चलता था


हॉस्पिटल में 8 अगस्त को इस जूनियर डॉक्टर की नाईट शिफ्ट लगी हुई थी


ड्यूटी करने के बाद रात करीब 2 बजे जब मरीजों का बर्डन थोड़ा कम हुआ तब निर्भया 2 ने सोचा कि थोड़ी देर सुस्ता लेती हूँ


अब तारीख बदल चुकी थी, ये समय था 9 अगस्त के रात के 2 बजे का


अक्सर ऐसा होता है कि नाईट शिफ्ट में लोग काम न होने पर थोड़ी देर के लिए कमर सीधी कर लेते है, क्योंकि रात का वक़्त ऐसा होता है कि पूरी रात जागना मुमकिन नही होता


ये सोच कर पहले उस जूनियर डॉक्टर ने रात के 2 बजे अपने 4 अन्य कलीग के साथ मिल कर कैंटीन में खाना खाया फिर उसके बाद वो तीसरी मंजिल पर मौजूद सेमिनार हॉल में 2 से 3 के बीच थोड़ी देर आराम करने चली गयी


अक्सर डॉक्टर्स या अन्य स्टाफ इस सेमिनार हॉल में ड्यूटी के दौरान थोड़ी देर आराम करने वहां जाते थे, इसके बाद सब अपने अपने काम मे व्यस्त हो गए


सब लोग तब तक व्यस्त रहे जब तक 9 अगस्त की सुबह 8.30 बजे तक एक स्टाफ सेमिनार हॉल में नही घुसा


वहाँ पर उसने जो देखा उसकी हवा खराब हो गयी, वो वहाँ से चीखते हुए बदहवास भागा


वहां एक गद्दे पर इसी जूनियर की अर्धनग्न लाश पड़ी हुई थी, जिसके ऊपर के कपड़े अस्तव्यस्त और नीचे के भाग पर एक भी कपड़ा मौजूद नही था


शरीर में ऐसा कोई हिस्सा नही था जिसपे जख्म न हों


आंखों, चेहरे और पूरे शरीर के एक एक हिस्से से खून रिस रहा था


थोड़ी देर में शिनाख्त हो गयी कि ये PG के दुसरे वर्ष की स्टूडेंट व जूनियर डॉक्टर निर्भया 2 का शव है


थोड़ी देर में ये बात आग की तरह फैल गयी, जिसने भी उस लड़की का शव देखा पहली ही नजर में अंदाजा लगा लिया कि ये सिर्फ मर्डर ही नही बल्कि बलात्कार का भी मामला है


सारे जूनियर डॉक्टर्स, नर्स, स्टाफ व बाकी लोग गुस्से में भर गए कि ये कैसी दरिंदगी है, यदि सरकारी अस्पताल में ही डॉक्टर्स सुरक्षित नहीं है तो बाकी कोई और कैसे सुरक्षित होगा


यहाँ तक भी स्थिति नियंत्रण में थी पर इसके बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गयी जिसके बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा


शुरुवाती रिपोर्ट के मुताबिक


विक्टिम की दोनों आंखों से खून रिस रहा था, मुँह से खून बह रहा था, प्राइवेट पार्ट्स से खून रिस रहा था, पेट जख्मी था, बायां पैर टूटा हुआ था, दोनों पैर 90 डिग्री के एंगेल पर खुले हुए थे जो कि बिना हड्डी टूटे इस प्रकार से खुलने मुमकिन नही थे, गर्दन टूटी हुई थी, दाहिना हाथ टूटा हुआ था, रिंग फिंगर टूटी हुई थी, ओंठ जख्मी थे खून रिस रहा था


बदन का शायद ही कोई हिस्सा हो जहाँ दरिंदगी नहीं हुई हो


रिपोर्ट में आखिरी में था कि गला घोंट कर उसकी हत्या की गई थी


आशंका जताई जा रही है कि गैंग रेप हुआ है


ऐसे में अब ये शोर उठने लगा है कि ये अकेले आदमी का काम नही है


इसके बाद शुरू होता है लीपापोती का खेल


इस कॉलेज के अधिकारियों और तमाम बड़े लोगों ने पहले तो विक्टिम के परिजनों को ये बताया कि आपकी लड़कीं की तबियत खराब है आ जल्दी आ जाइये


जब परिजन अस्पताल पहुँचते है तो पहले उनसे कहा जाता है कि उसकी तबियत खराब थी इस वजह से मौत हुई, उसके बाद कहा जाता है कि उसने आत्महत्या की


3 घण्टे तक माता पिता को अपनी ही बेटी से मिलने नही दिया जाता है और आरोप तो यहाँ तक हैं कि शुरुवात में कोलकाता पुलिस द्वारा इस मामले में समझौता करने का दबाव भी बनाया जाता है


जिसके बाद लोग भड़क उठे, काम काज ठप हो गया और बात अब CM तक पहुँच चुकी है, कोर्ट ने संज्ञान लिया है


इस केस ने निर्भया की ही तरह सारे देश को हिला दिया है


पुलिसिया लीपापोती के बाद इस केस में अब तक क्या हुआ वो अगले भाग में

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